भारत का सहकारिता मंत्रालय माह जुलाई 2021 में गठित किया गया जो कि देष में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिये एक अलग प्रषासनिक, कानूनी और नीतिगत रुप से तैयार किया गया है। यह श्सहकारिता से समृद्धिश् विजन के साथ उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे देष के माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी द्वारा माह जुलाई 2021 को देश के प्रथम सहकारिता मंत्री के रुप में शपथ ग्रहण कर दायित्व सौंपा गया है।

सहकारिता को देशभर में आगे बढ़ाने के लिये 25 सितम्बर 2021 को राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन देश की राजधानी इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम नई दिल्ली में श्सहकारिता से समृद्धिश् थीम के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। माननीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने मुख्य अतिथि के रुप में सम्मिलित होकर देष में सहकारिता का प्रथम विशाल जनसमूह को मार्गदर्शन कर की शोभा बढ़ायी। माननीय श्री बी0एल0वर्मा देश के सहकारिता राज्यमंत्री सहित सभी राज्यों के सहकारी बन्धु सम्मेलन में उपस्थित हुए। उत्तराखण्ड राज्य से माननीय श्री दान सिंह रावत जी अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि0 सम्मेलन में उपस्थित रहने का सुअवसर प्राप्त हुआ जो राज्य के लिये गौरव का विषय है।

भारत देश के माननीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी सभी राज्यों के सहकारी बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए सहकारिता आन्दोलन के विषय में अपने विचार रखे साथ ही पं0 दीनदयाल जी द्वारा चलाई गयी अन्त्योदय योजना की बात कर राष्ट्र के पुनर्निमाण एंव गरीब कल्याण के लिये उन्हे याद किया गया । उनके द्वारा बताया गया कि सहकारिता को प्राथमिकता के रुप में लेकर उसे आगे बढ़ाना है साथ ही सहकारिता को नये सिरे से रेखांकित कर नये आयामों तक पहुंचाना है। देश के किसान दलित, पिछड़े वर्ग, महिलाओं का विकास सहकारिता के माध्यम से ही सम्भव हुआ है। उनके द्वारा प्रत्येक गांव को सहकारिता से जोड़कर उसे समृद्ध करने की बात रखी गयी तथा प्रत्येक गांव तक सहकारी समिति स्थापित किये जाने पर बल दिया गया । जो सहकारिता आन्दोलन को प्रभावी रूप से आगे ले जाने हेतु भारत की पांच ट्रिलियन इकोनाॅमी को हासिल करने के लिये सहकार का काम जोर शोर से शुरु करना चाहिए।

उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि0 के अध्यक्ष माननीय श्री दान सिंह रावत जी को भी अपने विचार रखने का अवसर मिला। अध्यक्ष जी के अनुसार सहकारिता के क्षेत्र में पैक्स से अपेक्स तक की सभी सहकारी समितियों के लिये एक नीति तथा उनकी दिशा एवं दशा सुधारने के लिये सहकारी नीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होने अपने विचार रखते हुए कहा कि आधुनिक युग में डिजिटायजेशन के चलते सहकारिता क्षेत्र में पैक्स से अपेक्स तक की सारी सहकारी संस्थाओं का कम्प्यूटराइजेशन होना आवश्यक है, साथ ही उन्होने कम्प्यूटराइजेशन के लिये योग्य वेंडर्स की बात रखी जो कि राष्ट्रीय स्तर से सम्पादित हो सकें ।

सहकार से समृद्धि का अर्थ है-हर परिवार को सहकारिता के माध्यम से समृद्ध बनाना जिससे देष समृद्ध बन सके। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कि छोटे से छोटे व्यक्ति/समुदाय को विकास की मुख्य धारा में हिस्सेदार बनाया जाये। सहकारिता मंत्रालय के अनुसार देष का समान रूप से विकास सहकारिता के माध्यम से ही सम्भव है।